GST Kya Hai | जीएसटी के प्रकार

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नमस्कार दोस्तो आप सभी का हमारे ब्लॉग Bloggingfm पर स्वागत है। हम इस ब्लॉग पर आप सबके लिए महत्वपूर्ण और रोचक जानकारियों से भरपूर लेख इस ब्लॉग पर अपलोड करते है। ताकि आप सभी तक छोटी से लेकर बड़ी सभी जानकारिया प्राप्त हो। इसलिए आज हम इस लेख GST Kya Hai में जीएसटी क्या है? जीएसटी के कितने प्रकार है? जीएसटी की फुल फॉर्म क्या है? जीएसटी के क्या लाभ है? आदि जीएसटी से जुड़ी महत्वपूर्ण बाते जानेंगे। यदि आपको भी GST के बारे में पता नहीं है और आप जानना चाहते है कि जीएसटी क्या है? तो आप इस लेख के साथ अंत तक जुड़े रहें।

GST Full Form

जीएसटी क्या है? के जानने से पहले हमे पता होना चाहिए की GST ki Full Form Kya Hai इसलिए सबसे पहले हम जानेगे जीएसटी की फुल फोरम क्या है तो GST की फुल फोरम Goods and Service Tax है।

GST क्या है?

दोस्तो आपको बता दे की जीएसटी (Goods and Service Tax) एक कर (tax) है जिसे किसी भी चीज या सेवा को खरीदने पर उपभोक्ता द्वारा चुकाया जाता है। जीएसटी एक बहू-स्तरीय, व्यापक गंतव्य आधारित टेक्स है। यह एक अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था है। भारत सरकार द्वारा इस कर को 1 जुलाई 2017 में लागू किया गया। जीएसटी से पहले भी भारत में वस्तुओ और सेवाओ पर कर लगाया जाता थे इससे पहले Excise duty, Entry tax, Vat, Service tax जैसे कई प्रकार के टेक्स का भुगतान करना पड़ता था। इसलिए भारत सरकार द्वारा इन सभी की जगह जीएसटी के रूप में एक ही टेक्स लगाया गया। जीएसटी के विपणन करने के लिए भारत सरकार द्वारा एक मुहावरा उपयोग मे लिया गया- “एक राष्ट्र, एक कर, एक बाजार”। अब आपको समझ आ गया होगा की जीएसटी क्या है तो अब आगे हम जानेगे की जीएसटी के कितने प्रकार है।

जीएसटी के कितने प्रकार है

हमने ऊपर जाना की जीएसटी क्या है और जीएसटी कैसे काम करती है तो अब जीएसटी के प्रकार के बारे में चर्चा करते है-

जीएसटी के 4 प्रकार है –

  1. CGST
  2. SGST
  3. IGST
  4. UTGST

CGST क्या है?

सीजीएसटी की फुल फोरम Central Goods and Service Tax “केन्द्रीय वस्तु एव सेवा कर है”। यह टेक्स केंद्र सरकार द्वारा लगाया जाता है और इसे केंद्र सरकार द्वारा ही एकत्रित किया जाता है। जब कोई वस्तु या सेवा का राज्य के भीतर ही क्रय विक्रय होता है तो इसके लिए केंद्र सरकार को टेक्स देना पड़ता है। अंतरर्राज्य व्यापार पर 12 % दर से कर लगाया जाता है जिसका 6% राज्य और बाकी का 6% केंद्र को मिलता है।

SGST क्या है?

एसजीएसटी की फुल फोरम State Goods and Service Tax “राज्य वस्तु एवं सेवा कर है”। यह राज्य सरकार के हिस्से में आने वाला कर है। जैसे की हमने ऊपर CGST में पढ़ा की जब एक राज्य के अंदर ही व्यापारियो के मध्य व्यापार होता है तो वसूल कर का आधा हिस्सा केंद्र सरकार को जाता है जो सीजीएसटी कहलाता है और जो हिस्सा राज्य सरकार को प्राप्त होता है वह SGST यानि की स्टेट जीएसटी कहलाता है।

IGST क्या है?

आईजीएसटी की फुल फोरम Integrated Goods and Service Tax “एकिकर्त वस्तु एवं सेवा कर” है। आईजीएसटी के अंतर्गत टेक्स का सारा हिस्सा केंद्र सरकार को प्राप्त होता है। मतलब की जब दो अलग अलग राज्यो के व्यापारियो के मध्य सेवाओ या वस्तुओ का व्यापार होता है तो जो टेक्स (कर) व्यापारियो द्वारा दिया जाता है वह केंद्र सरकार को मिलता है। इसे ही इंटीग्रेट्ड जीएसटी कहते है।

UTGST क्या है?

यूटीजीएसटी की फुल फोरम Union Territory Goods and Service Tax “केंद्र शासित प्रदेश वस्तु एवं सेवा कर” है। हमने पहले बात की कि यदि एक ही राज्य के अंदर व्यापार होता है तो CGST और SGST केंद्र और राज्य दोनों द्वारा प्राप्त किया जाता है। जब कोई राज्य किसी भी केंद्र शासित प्रदेश के साथ व्यापार करता है तो सरकार उनसे CGST और UTGST चार्ज करती है। जीएसटी की दर 18% है तो 9% सीजीएसटी लगेगा और 9% यूटीजीएसटी लगेगा जो केंद्र शासित प्रदेश और केंद्र सरकार के हिस्से में आता है।

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भारत में जीएसटी को क्यो लागू किया गया था

हमने पहले जाना की जीएसटी क्या है और जीएसटी के कितने प्रकार है? अब हम जानेगे जीएसटी को भारत में क्यो लागू किया गया? जीएसटी को भारत में इसलिए अपनाया गया ताकि भारतीय कर व्यवस्था में सुधार किया जा सके, और एकीकृत कर व्यवस्था को लागू किया जा सके। केंद्र और राज्य सरकार द्वारा लगाए गए अनेक अप्रत्यक्ष करो को हटाया जाए और एक राष्ट्र के लिए एक कर, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) अपनाया।

भारत में जीएसटी के लाभ और हानि

भारत में जहां जीएसटी लागू करने के कुछ लाभ मिले है तो इसके विपरीत जीएसटी के आलोचको द्वारा इससे होने वाले नुकसान को भी जिक्र किया है। हम सभी जानते है की भारतीय सरकार द्वारा 1 अप्रैल 2017 को भारत में जीएसटी लागू की गयी. बहुत से लोगो ने जीएसटी का समर्थन किया वही कुछ लोगो ने इसकी आलोचना भी की। अब हम आपको बताएँगे की जीएसटी लागू करने के पीछे समर्थको द्वारा कौनसे लाभ बताए गए है और आलोचको द्वारा कौनसे नुकसान बताए गए है तो चलिये जानते है-

जीएसटी के लाभ

सबसे पहले हम जीएसटी से होने वाले लाभ को जानेगे उसके बाद जीएसटी से होने वाली हानि के बारे में चर्चा करेंगे।

जीएसटी भारतीय कर व्यवस्था को सरल बनाती है। जीएसटी के आने से पूर्व भारत में वस्तुओ व सेवाओ पर कई तरह के प्रत्यक्ष कर लगाए जाते थे। इन प्रत्यक्ष करो शुल्को की सूची नीचे दिये अनुसार है-

प्रत्यक्ष करो की सूची-

  • Vat (Value Added Tax)
  • केंद्रीय उत्पाद शुल्क (Central Excise Duty)
  • अतिरिक्त उत्पाद शुल्क (Additional Excise Duties)
  • अतिरिक्त सीमा शुल्क (Additional Customs Duty)
  • सेवा कर (Service Tax)
  • वैट (Value Added Tax)
  • सेंट्रल सेल्स टैक्स
  • विलासिता कर (Luxury Tax)
  • मनोरंजन कर (Entertainment tax)
  • कर्य कर (Purchase Tax)

ये सभी प्रत्यक्ष कर थे जो जीएसटी आने से पूर्व लगते थे। जब कारोबारियों को इतना शुल्क कर के रूप में चुकाना पड़ता तो कारोबारी आगे अपने ग्राहक व्यापारी से इन करो को वसूलता और व्यापारी इन करो की पूर्ति कर्य करने वाले व्यक्ति से वसूली करता था। अब अलग अलग प्रकार के लगने वाले करो से छुटकारा मिला है और सरकार को भी इसका फायदा मिला क्योंकि सरकार को अलग अलग सतर पर कई तरह के टेक्स विभाग बनाने पड़ते थे।

जीएसटी के आने से पहले कर व्यवस्था में पारदर्शिता नहीं थी जिसके कारण बड़े व्यापारियो द्वारा टेक्स चोरी किया जाता था, लेकिन अब ऑनलाइन सिस्टम है जिस कारण कर प्रणाली में पारदर्शिता है।

कारोबारियों द्वारा माल खरीदने से लेकर आम दुकानदार तक समान पहुँचने में अलग अलग कर प्रणाली के कारण बहुत समय लगता था। जीएसटी के आने के बाद कारोबारी गतिविधिया तेज हुयी है जिससे समय की बचत हुई है।

जीएसटी भ्रष्टाचार को कम कम करती है। यह भारत की अर्थव्यवस्था पर सक्रात्मक प्रभाव डालेगी।

GST की हानि

जीएसटी के आने से कई टेक्स शुल्को में कमी आई है लेकिन इसके कई विपरीत प्रभाव भी पड़े है।

  • जीएसटी आने के बाद व्यापारियो के लिए व्यापार को जटिल बना दिया है।
  • जीएसटी की एक आलोचना यह भी हुयी है की जीएसटी वाहिल्चेर जैसी छोटी वस्तुओ पर भी कर लगाती है।
  • पट्रोल को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है, जो वस्तुओ के एकीकरण के सिद्धान्त के विपरीत है।
  • वितीय क्षेत्र के अंतर्गत जीएसटी शुल्क 15% से 18% कर दिया। जीएसटी के कारण बीमा प्रीमियम ज्यादा महंगा कर दिया गया है।

दोस्तो हमने इस लेख में जीएसटी के लाभ और हानि दोनों पहलुओ के बारे में जाना। आपको क्या लगता है अपने विचार कमेंट करके जरूर बताए।

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निष्कर्ष

`प्रिय दोस्तो आज के इस आर्टिकल GST Kya Hai में हमने जीएसटी के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी आप तक पहुंचाई हमने आपको बताया कि जीएसटी क्या है? जीएसटी के कितने प्रकार है? जीएसटी के क्या लाभ है? और जीएसटी से क्या हानि हुई? आदि जीएसटी से जुड़ी जानकारिया आपके साथ सांझा की। अब आप जीएसटी से जुड़े विचार कमेंट में सांझा करें। आपको क्या लगता है की जीएसटी को लाना भारतीय सरकार के लिए सही साबित होती है या नहीं? क्या जीएसटी से देश की आर्थिक व्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा? आदि से जुड़े अपने विचार जरूर सांझा करें।

उम्मीद है की आपको यह जानकारी पसंद आई होगी, यदि आपको हमारे द्वारा दी गयी जानकारी पसंद आई हो तो इसे अपने दोस्तो के साथ सोश्ल मीडिया पर शेयर करें। क्योंकि हमे देश से जुड़ी ऐसी जानकारियों का बेसिक नॉलेज होना बहुत जरूरी है।

Thanku friends

प्रश्न.1 जीएसटी की फुल फोरम क्या है?

उतर- जीएसटी की फुल फोरम Goods and Service Tax है।

प्रश्न.2 जीएसटी को भारत में कब लागू किया गया था?

उतर- भारत में जीएसटी को 1 अप्रैल 2017 को लागू किया गया था।

प्रश्न.3 GST के कितने प्रकार है?

उतर- GST के चार प्रकार है-
1. CGST (Central Goods and Service Tax)
2. SGST ( State Goods and Service Tax )
3. IGST (Integrated Goods and Service Tax)
4. UTGST (Union Territory Goods and Service Tax)


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